मैं विगत 22 वर्षों से सरस्वती देवयन्तो हवन्ते के पूजारी जन्नूभाई द्वारा स्थापित एवं विकसित राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी) विश्वविद्यालय में कार्यरत हॅू विद्यापीठ विश्वविद्यालय ही नहीं उससे भी कुछ अधिक है जिसे परिभाषित करना कठिन हैं।
मैं विगत 22 वर्षों से सरस्वती देवयन्तो हवन्ते के पूजारी जन्नूभाई द्वारा स्थापित एवं विकसित राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी) विश्वविद्यालय में कार्यरत हॅू विद्यापीठ विश्वविद्यालय ही नहीं उससे भी कुछ अधिक है जिसे परिभाषित करना कठिन हैं। आम जनता के शिक्षण-दिक्षण की अनेकानेक प्रवृत्तियां राजस्थान में इस संस्था द्वारा संचालित हैं । शहरों और गावों में सर्वत्र विद्यापीठ की प्रवृत्तियां लीक से हटकर आयोजित की जाती है। सामाजिक शिक्षा की संज्ञा दी जाए या सामाजिक कार्य की, दोनों ही संस्था की हर प्रवृति के साथ लागू है। चाहे वह साक्षरता की रात्रिशाला हो, चाहे सामाजिक कार्य महाविद्यालय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय हो या सामुदायिक शिक्षा का केन्द्र। सभी कार्यक्रम लोक शिक्षण प्रतिष्ठान से अनिवार्यतः जुड़े हुए नजर आते है। यही विद्यापीठ की विशेषता है। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में संचालित रोजगार मूलक कार्यक्रम संचालित है। व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन, कामगारों, कास्तकारों, अल्पशिक्षित और शिक्षित युवकों की आवश्यकता की पूर्ति करती है और उन्हें स्वरोजगार और स्वावलम्बन की ओर प्रवृत करता है। जनशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेशालय इन उपरोक्त प्रवृत्तियों और कार्यक्रमों का संचालन विगत 84 वर्षोें से कर रहा है। लोकशिक्षण प्रतिष्ठान व कम्युनिटी सेन्टर्स पर सभी महिला सशक्तिकरण एवं स्वरोजगार संबंधित कार्य संपादित किये जाते है। कृषि विज्ञान संकाय द्वारा संचालित बी.एस.सी.कृषि (आॅनर्स) विगत तीन वर्षोें से अपने क्षेत्र में ग्रामीण एवं महिला काश्तकारों के लिए अति सराहनीय कार्य कर रहा है।
प्रो. मन्जु माण्डोत
निदेशक
जनशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेशालय